Thursday 12 June 2014

“अमित“ वो “अमिट“ कहानी बन!!

बयां ना हो जो चंद लफ्ज़ों में,
वो “अमिट“ कहानी बन,
रोक ना सके कोई चट्टान तुझे,
“अमित“ वो बहता पानी बन,
चलता चल तू बढ़ता चल,
"कदम ताल" तू करता चल,
“अस़फार“ तू किए जा,
“अदीब“ बन तू नसीब बन, 
मिलेंगे बहुत “अज़ाब“ तुझे,
उनकी तू परवाह ना कर,
छोड़ दे “झूठ“ का "अंजूमन",
सच का ऐसा अफसाना बन,
वो “अमिट“ कहानी बन तू,
“अमित“ वो “अमिट“ कहानी बन!!
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.--Copy Right @ AMIT SAINI
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अमिट: कभी न मिटने वाला
कदम ताल: कदम से कदम मिलाकर चलना
अस़फार: यात्राएंे
अदीब: विद्वान
अज़ाब: पीड़ा, दंड़
अंजुमन: सभा

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